रेशा रेशा बिखरे है, तेरी चाहत में हमें क्या मालूम था कि तुमसे यूं धागे धागे से जुड़े हैं, हम किसी बेपनाह मन्नत के धागे की तरह, मुझको...!! मिले हो तुम रब करे ये गाँठ किसी से,,, ज़िन्दगी भर न खुल पाये...!! Vk Samrat