हमी को हमी से जुदा न करो ए मुहोब्बत हमे खफा न करो इंसान ही तुम रहने तो यहां पे ए दुनिया वालो खुदा न करो सीधे साधे है यहां पर ये रिश्ते मतलब से इन्हें पेजीदा न करो जो गए तुम्हे तन्हा छोड़ कर उन बेफवाओ से वफ़ा न करो तोड़ दो उन पुरानी रश्मो को दिल को दिल से जुदा न करो हो सके तो तू चल मुस्करा कर किसी की हँसी से जला न करो हसीं है ये दुनिया हसीं है ये लोग खंजर ले के गले मिला न करो अगर ले ले कोई जान, यार तो किसी के आगे गिला न करो अर्श हम तो है दिल लगाने वाले रुसवा होकर हमसे मिला न करो आकाश चारण "अर्श" जुदा न करो