बंधन ये दिल, ये धड़कन को मशवरे रहने दो इन्हे तो किसी भी बंधन से परे रहने दो सुना है एक खौफ है फिजा में आजकल ज़रा कमज़ोर हैं लोग इन्हें डरे रहने दो अभी फुरसत नही किसी को धोखा देने से देशप्रेम के ख्यालों को अभी धरे रहने दो वो मोहब्बत को जिस्मों की जरूरत समझते हैं कोई बात नहीं ज़हन को यूही गिरे रहने दो उंगलियां उठाने में सब को महारत हासिल है औरों की बुराई में सब को घिरे रहने दो आमिल Ye dil ,ye dhadkan ko mashware rehne do Inhe to kisi bhi bandhan se parre rehne do Suna hai ek khouff hai fizaa mai aajkal Zaraa kamzor hain log inhe darre rehne do Abhi fursat nhi hai kisi ko dhokha dene se Deshprem ke khayaalo ko abhi dharre rehne do