अफसाना बेबसी का आयाम लिए बैठा है झूठी हैसियत का पैगाम लिए बैठा है हसरत ख्वाब बन कर रह गए जब हकीकत आंखों में ज़िया बन कर सामने आयी।। ©Kajol Singh #शायरी