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बच्चे जब बड़े हो गए, पैरों पर अपने खड़े हो गए। थे नर

बच्चे जब बड़े हो गए, पैरों पर अपने खड़े हो गए।
थे नर्म, मुलायम, मखमली, अब काफी कड़े हो गए।
मिट्टी से पड़े थे, तपके आग में सुंदर-सुन्दर घड़े हो गए।
बुझाने को प्यास, बनने को कलश, अब खड़े हो गए।
बच्चे अब बड़े हो गए, पैरों पर अपने खड़े हो गए। #बाल_दिवस #बाल_दिवस_की_शुभकामनाएं
#नोजोटो_हिंदी #Nojoto_Hindi #बचपन
बच्चे जब बड़े हो गए, पैरों पर अपने खड़े हो गए।
थे नर्म, मुलायम, मखमली, अब काफी कड़े हो गए।
मिट्टी से पड़े थे, तपके आग में सुंदर-सुन्दर घड़े हो गए।
बुझाने को प्यास, बनने को कलश, अब खड़े हो गए।
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