अग़र इतनी फ़िक्र थी तुझे मेरी जान तो अपनाते मुंझें, यूँ दे कर फ़िर तुम मजबूरियाँ न बीच राह छोड़ जाते मुंझें, अग़र होते तुम्हारी जिंदगी की कमी ये मेरी आँखों के आँशु, तो न हर रोज़ यूँ बेसबब तुम तन्हा कर बेफ़िक्री से रुलाते मुंझें, जो मुझसे थे सवाल वो ज़रा उन सब से भी पूछते मुझे अपन्नाने को, यक़ीन करो मेरी जान वो सब फ़िर बेइन्तहा इश्क़ का पंछी बताते मुंझें!! 📖A✒️S📖 🖤🖤🖤🖤🖤 #ishq #Hai #hadd #Se #gujr #Ke