“रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई, तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई ! इक बार तो ख़ुद मौत भी घबरा गई होगी, यूँ मौत को सीने से लगाता नहीं कोई। #irrfankhan