खामोशी दिल की पढी़ तो टूट गया हूं इस दर्दे दिल सहने को मजबूर हो गया हूं तड़पता रहता हूं रातों रातों को तेरे हर सवालों में तेरा हर सितम सहने को मगरूर हो चुका हूं टूट गया दिल एक झटके में