मैं इन आंखों में आब लिए घूमता हू। दिल में दर्द का सैलाब लिए घूमता हू। होश में रहूं तो कहीं इश्क ना हो जाए, सो अब जेब में शराब लिए घूमता हू। © राहुल भास्करे मैं इन आंखों में आब लिए घूमता हू। दिल में दर्द का सैलाब लिए घूमता हू। होश में रहूं तो कहीं इश्क ना हो जाए, सो अब जेब में शराब लिए घूमता हू। © राहुल भास्करे