तिळगूळ घ्या, गोड गोड बोला ! मकर संक्रांत गोड बोलायचा मुहूर्त समजूया कायम सर्वांशी गोड आणि गोडच बोलूया ! साऱ्यांनी गोड बोलावं हिच असते आपली अपेक्षा मग कटू बोलून दुसऱ्यांना का देतो आपण शिक्षा ? मागून कुठे मिळते, मानसन्मानाची भिक्षा त्यासाठी द्यावी लागते सौजन्याची परीक्षा ! समज,गैरसमज,क्रोध,अहंकार मनात धोका भरून नका करू आयुष्याचा प्रवास असा मन मारून ! आनंदाचा गुणाकार करू आणि दुःखांचा भागाकार नात्यांच्या नाजूक मडक्यांना देऊ छान सुंदर आकार ! गोड बोलण्याचा परिणाम असतो अत्तरासारखा सुगंधित होते जीवन, प्रश्न ही वाटतो उत्तरासारखा ! दवडू नका असा वाया एक एक क्षण मोलाचा ओठांवर हसू,जिभेवर अभंग असू द्या गोड बोलांचा ! - संतोष लक्ष्मण जाधव.©jsantosh. हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com तिळगूळ घ्या, गोड गोड बोला ! मकर संक्रांत गोड बोलायचा मुहूर्त समजूया कायम सर्वांशी गोड आणि गोडच बोलूया ! साऱ्यांनी गोड बोलावं हिच असते आपली अपेक्षा मग कटू बोलून दुसऱ्यांना का देतो आपण शिक्षा ? मागून कुठे मिळते, मानसन्मानाची भिक्षा त्यासाठी द्यावी लागते सौजन्याची परीक्षा ! समज,गैरसमज,क्रोध,अहंकार मनात धोका भरून नका करू आयुष्याचा प्रवास असा मन मारून ! आनंदाचा गुणाकार करू आणि दुःखांचा भागाकार नात्यांच्या नाजूक मडक्यांना देऊ छान सुंदर आकार ! गोड बोलण्याचा परिणाम असतो अत्तरासारखा सुगंधित होते जीवन, प्रश्न ही वाटतो उत्तरासारखा ! दवडू नका असा वाया एक एक क्षण मोलाचा ओठांवर हसू,जिभेवर अभंग असू द्या गोड बोलांचा ! - संतोष लक्ष्मण जाधव.©jsantosh. हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? हर गलत पहले सही क्यों लगता हैं भगवान ? चाहे कोई सोच हो, काम हो, या हो ईन्सान, बड़ी मुश्किल होतीं हैं इन सबकी पहचान दोष किसे दे,जब दिल हि बहक जाता हैं बेईमान ! दिल में लालच आये और जब बिगड जाये जज्बांत रूको, सोचो, देखो परिणाम फिर काम में बढाओ हात, सही वक्त का इंतजार और सही ईन्सान का साथ बुजूर्गों की सलाह लो और समझलो पहले हर बात ! हर काम करने के हैं होतें अलग अलग रास्तें मन बना लो,आसान नहीं सही चुननें के वास्तें, नुकसान नहीं होगा, चाहे पैसौं का हो, या हो रिश्तें पर शायद जरा देर लगे मंजिल तक पहूँचते पहूँचते ! हर काम में फायदा हो, ये शायद मुमकीन नहीं हर काम में नुकसान हो, इसपर भी यकीन नहीं, तो फिर काम ऐसे करों, जो दिल को लगे सहीं उस काम से आनंद प्राप्त हो, दिल पर बोझ नहीं ! - संतोष लक्ष्मण जाधव ©jsantosh.9890064001. 7santoshjadhav@gmail.com #हर गलत पहले सहीं क्यों लगता हैं भगवान? सूर्यकांत राठौर