ना मै साहब हूं,ना बडे शेठ का पप्पू ना चोर हूं ,ना चोकीदार साहब मैं तो हूं बेरोजगार मैं ,make in india , digital india के सपने देख बिजली कि आस मैं बैठा भविष्य के अंधेरे मे गुमशुदा एक नागरिक हूं हर चुनाव के वक्त का वादा आज भी याद करता हूं...सिर्फ आच्छे दिन कि प्रतीक्षा मे हर दिन कांटता हूं मै देश का जागरूक युवा भी हूं समजता हूं मै भी खुद ही एकता का दिया जलाने बोलते हिंदू-मुसलमान करके फायदे के लिये आपस मे ही लडवाते संविधान यही केहता मतदाता हो तुम फर्ज हैं तुम्हारा जनता कि सरकार लाना बलिदान विऱोका तुम व्यर्थ न जाने देना हर मुश्किल से लडनेवाला leader हैं हमे चुनना किस काम का हर भाषण ,हर बात का रोना _sensitive_ink_of bhagyashri #Democracy#