जो थी कल के दिन- साल बीते महीने बीते या बीते दिन तुम आज भी मेरे लिए वही हो जो थी कल के दिन। होगा नया साल होगा नया दिन खुशियां होगी बेशूमार पर तुम आज भी मेरे लिए वही हो जो थी काल के दिन। मैं चाहें जाऊं जहाँ रहूं कही पर एक पल भी नही में तेरे बिन तुम आज भी मेरे लिए वही हो जो थी काल के दिन। अब और क्या लिखूं तुम्हारे लिए तुम्हे पता है हम अधूरे एक-दूजे के बिन हमेशा तुम मेरे लिए वही हो जो थी कल के दिन। Mohan kanhai