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#OpenPoetry Feelings of Aborted Girl Child.How she

#OpenPoetry Feelings of Aborted Girl Child.How she feels when in womb of mother..and how the pain she felt after being aborted.
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जो हो ना सका,वो किस्सा हूँ
जैसी भी हूँ मैं माँ
आखिर तुमारा हिस्सा हूँ।।

छोटे छोटे हाथ हैँ मेरे
उस से भी छोटे कान
तेरे ही नाम से होगी
अब मेरी पहचान ।।।
जैसी तू है वैसी मैं हूं
यह मुझको यकीन सा हो गया।।
तेरे पास आये हुए आज एक महीना हो गया।।।

तुम खट्टा खाती हो
मुझको भी खट्टा लगता है
ठंडी ठंडी ice cream को
दिल मेरा भी पिगलता है
तुमारी हंसी के ठहाकों से
दिन मेरा भी कैसे गुजर गया
पता नहीं चला और एक महीना और गुजर गया।।।

तुम बहुत खाती हो माँ
देखो मैं भी मोटी हो गयी!!
तेरे पेट में रहने की
जगह भी छोटी हो गयी
तुम ख्याल रखती हो मेरा
सम्भल सम्भल के चलती हो
तुमको तकलीफ होती है
फिर भी गुस्सा ना करती हो।।।
तुमसे बात करते करते 
देखो तीसरा महीना भी गुजर गया।।।।।

आज तुम आई ही doctor के पास
मेरी सेहत का पता करने।।
डॉक्टर कर रहा ultrasound
मेरी धड़कन भी लगी है बढ़ने
Doctor बोलअ सब ठीक है
तुम भी कुश हो गयी।।।

घरवालों ने पूछा
लड़का है या लड़की
Dr बोला लड़की।।।।

 अचानक।।।।

तुमारी हंसी कही खो गयी।।।
सब दुखी लग रहे हैं माँ
क्या हुआ
Doctor की रिपोर्ट में कोई प्रॉब्लम हो गयी।।

सब बोल रहे हैं बच्चा गिराओ
हमें लड़की नहीं चाहिए।।।

यह लड़की क्या होता है माँ।।।।????
क्या लड़की अछी नहीं होती।।।???

उसको परमात्मा नहीं भेजता क्या।।।।???

सबकी बातों मेँ आकर
तुम भी तयार हो गयी।।।।


डॉक्टर ने मुझे नहीं मारा माँ
तेरी हां ने ही मार दिया।।।
खून से लथपथ खाबो को
मिटटी में उतार दिया।।।।
थोडा जो सब्र करती 
तो देखती मेरी उड़ान।।
इतना प्यार करती तुमको
मुझसे ही होती तेरी पहचान।।

ना मुझको ज़मीन चाहिये थी
ना चाहिए था मकान
तेरी गोदि में सर रख के ही
मिलता मुजको सुकून

तुज से बिछड़ के माँ
अब मैं बहुत ही रोती हूं
कोई नहीं खिलाता खाना 
सो भूखी ही सो लेती हूं।।।

परमात्मा ने जो वक़्त दिया था
वो तो मुझको गुजरना है।।।
तेरे तीन महीने का भी आखिर
मुझको क़र्ज़ उतारना है

तेरा क़र्ज़ उतार के
तुझ से दूर चली जाउंगी।।।
फिर कभी लौट के ना आऊँगी
फिर कभी लौट के ना आऊंगी।।।


जो हो न सका।।।
वो किस्सा थी,

जैसी भी थी मैं माँ
आखिर तुम्हारा हिस्सा थी।।

Its written by --jagdish Feelings of aborted girl child.
How happy she felf when in womb of mother.
How painful..scared she was after bring aborted.
#OpenPoetry Feelings of Aborted Girl Child.How she feels when in womb of mother..and how the pain she felt after being aborted.
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जो हो ना सका,वो किस्सा हूँ
जैसी भी हूँ मैं माँ
आखिर तुमारा हिस्सा हूँ।।

छोटे छोटे हाथ हैँ मेरे
उस से भी छोटे कान
तेरे ही नाम से होगी
अब मेरी पहचान ।।।
जैसी तू है वैसी मैं हूं
यह मुझको यकीन सा हो गया।।
तेरे पास आये हुए आज एक महीना हो गया।।।

तुम खट्टा खाती हो
मुझको भी खट्टा लगता है
ठंडी ठंडी ice cream को
दिल मेरा भी पिगलता है
तुमारी हंसी के ठहाकों से
दिन मेरा भी कैसे गुजर गया
पता नहीं चला और एक महीना और गुजर गया।।।

तुम बहुत खाती हो माँ
देखो मैं भी मोटी हो गयी!!
तेरे पेट में रहने की
जगह भी छोटी हो गयी
तुम ख्याल रखती हो मेरा
सम्भल सम्भल के चलती हो
तुमको तकलीफ होती है
फिर भी गुस्सा ना करती हो।।।
तुमसे बात करते करते 
देखो तीसरा महीना भी गुजर गया।।।।।

आज तुम आई ही doctor के पास
मेरी सेहत का पता करने।।
डॉक्टर कर रहा ultrasound
मेरी धड़कन भी लगी है बढ़ने
Doctor बोलअ सब ठीक है
तुम भी कुश हो गयी।।।

घरवालों ने पूछा
लड़का है या लड़की
Dr बोला लड़की।।।।

 अचानक।।।।

तुमारी हंसी कही खो गयी।।।
सब दुखी लग रहे हैं माँ
क्या हुआ
Doctor की रिपोर्ट में कोई प्रॉब्लम हो गयी।।

सब बोल रहे हैं बच्चा गिराओ
हमें लड़की नहीं चाहिए।।।

यह लड़की क्या होता है माँ।।।।????
क्या लड़की अछी नहीं होती।।।???

उसको परमात्मा नहीं भेजता क्या।।।।???

सबकी बातों मेँ आकर
तुम भी तयार हो गयी।।।।


डॉक्टर ने मुझे नहीं मारा माँ
तेरी हां ने ही मार दिया।।।
खून से लथपथ खाबो को
मिटटी में उतार दिया।।।।
थोडा जो सब्र करती 
तो देखती मेरी उड़ान।।
इतना प्यार करती तुमको
मुझसे ही होती तेरी पहचान।।

ना मुझको ज़मीन चाहिये थी
ना चाहिए था मकान
तेरी गोदि में सर रख के ही
मिलता मुजको सुकून

तुज से बिछड़ के माँ
अब मैं बहुत ही रोती हूं
कोई नहीं खिलाता खाना 
सो भूखी ही सो लेती हूं।।।

परमात्मा ने जो वक़्त दिया था
वो तो मुझको गुजरना है।।।
तेरे तीन महीने का भी आखिर
मुझको क़र्ज़ उतारना है

तेरा क़र्ज़ उतार के
तुझ से दूर चली जाउंगी।।।
फिर कभी लौट के ना आऊँगी
फिर कभी लौट के ना आऊंगी।।।


जो हो न सका।।।
वो किस्सा थी,

जैसी भी थी मैं माँ
आखिर तुम्हारा हिस्सा थी।।

Its written by --jagdish Feelings of aborted girl child.
How happy she felf when in womb of mother.
How painful..scared she was after bring aborted.
jagsraj1418

jags_raj

New Creator

Feelings of aborted girl child. How happy she felf when in womb of mother. How painful..scared she was after bring aborted. #OpenPoetry