Nojoto: Largest Storytelling Platform

कल का बोझ आज क्यों उठाना । भूल जाओ सब वो समा था सु

कल का बोझ आज क्यों उठाना ।
भूल जाओ सब वो समा था सुहाना।।

वो पल लौट ना आएगा कभी,
मान लो यह जमाना है दीवाना।

यहां भूल जाते लोग अपना कर,
काफी धोखेबाज है यह जमाना।

ठहरो कोई क़रीब आए तुम्हारे,
जान लो वो अपना है या बेगाना।

मुकम्मल नहीं है यहां ख्वाईशों के रिश्ते,
बनाकर अपना सब छोड़ है जाना।

गुरूर किस बात का है प्यारे, 
अपना नहीं यहां कुछ झूठी है कामना।

रेत में सपनों के महल बनाए, 
आखिर कब तब टिकें है यह फ़साना।

छोड़ तमन्नाओं को एक दिन ख्वाईशों का, 
पिटारा बंद कर इस दुनिया से है जाना।

कल का बोझ आज क्यों उठाना ..........

©Yogendra Nath Yogi
  #Kal#कल का बोझ

#Kal#कल का बोझ #Poetry

14,119 Views