जो दिल की हर बाजी खेल जाएं, वो तो कोई आंशिक ही होगा, वरना इतनी किसी में हिम्मत नहीं, तेरे बिना मेरे इन होठों पर कोई और अपने होंठ फेर जाएं, Gursewak singh. मेरे होठों पर, Gursewak singh.