#Qubool hai # कुबूल है 1 यह सिर्फ एक उर्दू जुबान का महज एक छोटा सा अल्फाज नहीं है। यह दुनिया की वह मजबूत डोर है। जो दो अनजान लोगों को अजनबी यों को परिवारों को जोड़ने का ताकत रखती है। लेड और भरोसे का विश्वास का कॉम्प्रेमाइज का सैक्रिफाइस का होता है। जो दो अजनबी लोग एक दूसरे के साथ जोड़ते हैं। और मेरा मानना है कि भरोसे की डोर दुनिया की सबसे नाजुक डोर होती है। किसी एक में भी खींचने की कोशिश की तो वह आसानी से टूट जाता है। इसलिए तो जरा हमको भूल है।क्या तुम ही हो तभी से हमारा रिश्ता बराबरी कहां हो जाता है जब मैं से हमारा हो जाता है। अब कुछ भी मेरा या तुम्हारा नहीं होता सब हमारा बन जाता है। एक नाम से (कुबूल) है ।मानो पूरी दुनिया बदल देती है। जिस घर में हमने जन्म लिया उस आंगन में खेला दौरा नन्ने नन्ने कदमों से चलना सीखा। जहां हमारे उंगलियों में लिखना और बोलना सीखा उस आंगन को यह कुबूल है पल भर में पराया कर देता है। और वह नया घर जाना हमने अभी कदम भी नहीं रखा वह हमारा अपना घर और अपना पराया हो जाता।।।। और वही हमारी दुनिया बन जाती है।।।।।। #hashtag#Qubool hai.......