Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक मुसव्विर ने तेरी तस्वीर दिखाई थी मुझे जिसे देख

एक मुसव्विर ने तेरी तस्वीर दिखाई थी मुझे
जिसे देख कर मेरे अल्फाज अटकने लगे
तेरी जवानी ऐसे ढल जायेगी सोचा नहीं था
बदन मुज्महिल पड़ गया, लिबास लटकने लगे
इब्तिदा इश्क़ की है या किसी आज़ार की
मरहला बढ़ने लगे, और तुम सिमटने लगे
ऐसी कौन सी दरिया है, उस रक़ीब के पास
जिसकी प्यास में तुम, यहाँ वहाँ भटकने लगे
ये दरिया नहीं है, रेगिस्तान की मृगतृष्णा है
जिसकी तिश्नगी में तुम, अपना सिर पटकने लगे..! #NojotoQuote
एक मुसव्विर ने तेरी तस्वीर दिखाई थी मुझे
जिसे देख कर मेरे अल्फाज अटकने लगे
तेरी जवानी ऐसे ढल जायेगी सोचा नहीं था
बदन मुज्महिल पड़ गया, लिबास लटकने लगे
इब्तिदा इश्क़ की है या किसी आज़ार की
मरहला बढ़ने लगे, और तुम सिमटने लगे
ऐसी कौन सी दरिया है, उस रक़ीब के पास
जिसकी प्यास में तुम, यहाँ वहाँ भटकने लगे
ये दरिया नहीं है, रेगिस्तान की मृगतृष्णा है
जिसकी तिश्नगी में तुम, अपना सिर पटकने लगे..! #NojotoQuote
ashishjain4448

Ashish Jain

New Creator