खुद दुःख के सागर में डूबे तब भी ,चेहरे पर कुछ सिकन न आए जरूरत पर झुक जाए पर ,गलत का प्रतिकार भी कर पाए रिश्तों के ताने बाने में फंस ,कभी गलत कदम न उठा जाए अपनो के साथ तो अपना हो ,पर गैर न किसी को बतलाए जो हो न सका इस जीवन में, उसे सोच कभी न घबराए जो पा लिया अब तक उसने, फिर अहंकार में न डूब जाए जितनी भी हो रोटी थाली में,बाँट बंधुओं में फिर खाए जो कभी हो गई मतभेद तो फिर,मिल बैठ उसे वो सुलझाए काम क्रोध मद लोभ दम्भ ... more in caption( कैप्शन) #असल_विजेता_कौन_होते_हैं? खुद दुःख के सागर में डूबे तब भी ,चेहरे पर कुछ सिकन न आए जरूरत पर झुक जाए पर ,गलत का प्रतिकार भी कर पाए रिश्तों के ताने बाने में फंस ,कभी गलत कदम न उठा जाए अपनो के साथ तो अपना हो ,पर गैर न किसी को बतलाए