मजबूरी ने कदमों में गरीबी की लकीर बना डाली,,मिले ऐसे कमीने यार मस्तियों में ज़िन्दगी अमीर बना डाली. मिला धोखा आँखों ही आँखों में प्यार से,,दिया होंसला यारों ने तो मंज़िल ही हीर बना डाली. भटकता रहा जिन रास्तों पे फटी तक़दीर का झोला लिए,,थामा हाथ यारों ने तो तक़दीर के ही दिल में मेरी तस्वीर बना डाली. आया था वक़्त मेरे शिकार पे दाम लगाने को,,गूंजी दहाड़ यारों की तो सालों ने कमीनेपन में वक़्त की ही बोली लगा डाली. घेर के मारने आये थे दुश्मन चौराहे पे,,यारों ने कर बंद मुठी दिया साथ तो अमन ने क़लम ही शमशीर बना डाली. #friendship#friends#december#nojotohindi#nojotonews#poetry#hindishayari#punjabishayari#urdushayari#share (कमीने यार) (Tittle--वक़्त की बोली) written by me ✍️6.1aman💥💥 comment about poetry only✍️ kaur B 😊😊