प्रेम में किसी को कुछ भी कह दीजिये, कुछ नहीं लगेगा ... कुछ भी कह कर प्रेम कर लीजिए, कुछ भी नहीं लगेगा ... कुछ भी कहने से पहले या, कुछ भी कहने के बाद प्रेम होना चाहिए ... शांति, उत्साह और आनंद बना रहेगा।