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वो दिन याद आते हैं दिन रात सुबह शाम हर पहर याद आत

वो दिन याद आते हैं 
दिन रात सुबह शाम
हर पहर याद आते हैं
वो टपकती छत
फर्श से निकलती सीलन
वो ब्लिस्टर जैसे कीड़े मकोड़े
खारा पानी, न घर ढंग का
न फर्नीचर, न फ्रिज न गाड़ी
न गैस, न वाशिंग मशीन
न TV, न टेप, न मोबाइल
घर से हजारों किलोमीटर दूर
कोई रिश्तेदार नही
कोई आस पास सगा नहीं
बस गांव के सीधे साधे लोग
एक बेहतरीन दोस्त
और तुम,
अब सब है जो कभी न था
पर दोस्त नहीं लोग नहीं
तुम भी नहीं
सब होकर भी कुछ भी नहीं
वो दिन बोहोत याद आते हैं

गांव:नलिया, जिला : भुज  1994 से 1997 तक Air Force लाइफ का हिस्सा #yqdidi 
#yqbaba 
#yqquotes 
#wodinbhikyadinthe 
#prem 
#jeevan 
#merikalamse
वो दिन याद आते हैं 
दिन रात सुबह शाम
हर पहर याद आते हैं
वो टपकती छत
फर्श से निकलती सीलन
वो ब्लिस्टर जैसे कीड़े मकोड़े
खारा पानी, न घर ढंग का
न फर्नीचर, न फ्रिज न गाड़ी
न गैस, न वाशिंग मशीन
न TV, न टेप, न मोबाइल
घर से हजारों किलोमीटर दूर
कोई रिश्तेदार नही
कोई आस पास सगा नहीं
बस गांव के सीधे साधे लोग
एक बेहतरीन दोस्त
और तुम,
अब सब है जो कभी न था
पर दोस्त नहीं लोग नहीं
तुम भी नहीं
सब होकर भी कुछ भी नहीं
वो दिन बोहोत याद आते हैं

गांव:नलिया, जिला : भुज  1994 से 1997 तक Air Force लाइफ का हिस्सा #yqdidi 
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jaisingh8835

Jai Singh

Bronze Star
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