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ज़िन्दगी से ना कोई सिकवा, ना कोई गिला किये, चलते च

ज़िन्दगी से ना कोई सिकवा, ना कोई गिला किये,
चलते चलते खुद को, यूँ ही रास्ते से मोड़ गए ।

हम औरों से अलग है, ये ना कभी हम जान पाए,
हम हवा की तरह जिधर मुड़े, उसी के हो लिए ।

नफ़रत ना किसी से किये, ना किसी से कर पाए,
हम मोहब्बत की कश्ती पर बैठ, उस पार हो गए ।

औरों ने अपने मेहबूब के लिए, चाँद-तारे तोड़ लाये,
हम बड़ी ही मिन्नत से, उसी को चाँद मान आये ।

©NAND ज़िन्दगी से ना कोई सिकवा, ना कोई गिला किये,
चलते चलते खुद को, यूँ ही रास्ते से मोड़ गए ।

हम औरों से अलग है, ये ना कभी हम जान पाए,
हम हवा की तरह जिधर मुड़े, उसी के हो लिए ।

नफ़रत ना किसी से किये, ना किसी से कर पाए,
हम मोहब्बत की कश्ती पर बैठ, उस पार हो गए ।
ज़िन्दगी से ना कोई सिकवा, ना कोई गिला किये,
चलते चलते खुद को, यूँ ही रास्ते से मोड़ गए ।

हम औरों से अलग है, ये ना कभी हम जान पाए,
हम हवा की तरह जिधर मुड़े, उसी के हो लिए ।

नफ़रत ना किसी से किये, ना किसी से कर पाए,
हम मोहब्बत की कश्ती पर बैठ, उस पार हो गए ।

औरों ने अपने मेहबूब के लिए, चाँद-तारे तोड़ लाये,
हम बड़ी ही मिन्नत से, उसी को चाँद मान आये ।

©NAND ज़िन्दगी से ना कोई सिकवा, ना कोई गिला किये,
चलते चलते खुद को, यूँ ही रास्ते से मोड़ गए ।

हम औरों से अलग है, ये ना कभी हम जान पाए,
हम हवा की तरह जिधर मुड़े, उसी के हो लिए ।

नफ़रत ना किसी से किये, ना किसी से कर पाए,
हम मोहब्बत की कश्ती पर बैठ, उस पार हो गए ।
nandkishorjha4625

Nand-Sugandh

New Creator

ज़िन्दगी से ना कोई सिकवा, ना कोई गिला किये, चलते चलते खुद को, यूँ ही रास्ते से मोड़ गए । हम औरों से अलग है, ये ना कभी हम जान पाए, हम हवा की तरह जिधर मुड़े, उसी के हो लिए । नफ़रत ना किसी से किये, ना किसी से कर पाए, हम मोहब्बत की कश्ती पर बैठ, उस पार हो गए । #Poetry #Music #Shayari #lyrics #nandkishorjha