ज़िन्दगी से ना कोई सिकवा, ना कोई गिला किये,
चलते चलते खुद को, यूँ ही रास्ते से मोड़ गए ।
हम औरों से अलग है, ये ना कभी हम जान पाए,
हम हवा की तरह जिधर मुड़े, उसी के हो लिए ।
नफ़रत ना किसी से किये, ना किसी से कर पाए,
हम मोहब्बत की कश्ती पर बैठ, उस पार हो गए । #Poetry#Music#Shayari#lyrics#nandkishorjha