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यूँ नदी के किनारे बैठ तुझे अब सोचते रहते हैं... कि

यूँ नदी के किनारे बैठ तुझे अब सोचते रहते हैं...
कितना तू बदल गयी है अब यही देखते रहते हैं...
गलती हमारी ही थी की तुझे अपना हमसफ़र मान बैठा,
तु तो चली गई मुझे छोड़ अपना फ़ितूर बना कर..
अब  रेत पे तेरा नाम  उकेरते रहते हैं!! #तुझे_सोचना_अच्छा_लगता_है
यूँ नदी के किनारे बैठ तुझे अब सोचते रहते हैं...
कितना तू बदल गयी है अब यही देखते रहते हैं...
गलती हमारी ही थी की तुझे अपना हमसफ़र मान बैठा,
तु तो चली गई मुझे छोड़ अपना फ़ितूर बना कर..
अब  रेत पे तेरा नाम  उकेरते रहते हैं!! #तुझे_सोचना_अच्छा_लगता_है