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तेरी यादों में खोया मैं हो बेखबर, रात भर करवटें ब

तेरी यादों में खोया मैं हो बेखबर,

रात भर करवटें बदलता रहा इधर से उधर।

कौंध सी जाती रूह मेरी तुझे बस सोचकर,

मशगूल तेरी चाहतों में,

निकल आया मैं किधर से किधर।।

पता है मुझे ये इश्क़ की राह कठिन है,

फिर भी तेरी इक मुलाकात की खातिर,

मैं भटकता रहा इस शहर से उस शहर।।

कुछ ख्वाब मेरे भी थे,

दिन ये तेरे संग बिताने थे।

पर ये हो ना सका क्योंकि

सब टूट कर हो गए तितर से बितर।।

दो पल की जिंदगानी है,

फिर तुम कहां हम कहां,,

समझ ना पाए शायद तुम हमें,

ना जाने उलझ गए किस कदर।।

इश्क़ हसीं है यही हम सुने थे,

हमसफ़र की आरज़ू में तुम्हें चुने थे।

तेरी मुहब्बत में हम भूल गए,

अपनी मंजिल की डगर।।

WRITTEN BY (  Santosh verma) azamgarh Vale
खुद की ज़ुबानी तेरी याद..
तेरी यादों में खोया मैं हो बेखबर,

रात भर करवटें बदलता रहा इधर से उधर।

कौंध सी जाती रूह मेरी तुझे बस सोचकर,

मशगूल तेरी चाहतों में,

निकल आया मैं किधर से किधर।।

पता है मुझे ये इश्क़ की राह कठिन है,

फिर भी तेरी इक मुलाकात की खातिर,

मैं भटकता रहा इस शहर से उस शहर।।

कुछ ख्वाब मेरे भी थे,

दिन ये तेरे संग बिताने थे।

पर ये हो ना सका क्योंकि

सब टूट कर हो गए तितर से बितर।।

दो पल की जिंदगानी है,

फिर तुम कहां हम कहां,,

समझ ना पाए शायद तुम हमें,

ना जाने उलझ गए किस कदर।।

इश्क़ हसीं है यही हम सुने थे,

हमसफ़र की आरज़ू में तुम्हें चुने थे।

तेरी मुहब्बत में हम भूल गए,

अपनी मंजिल की डगर।।

WRITTEN BY (  Santosh verma) azamgarh Vale
खुद की ज़ुबानी तेरी याद..

तेरी याद..

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