कुछ अलग सा दिख रहा हैं, इन पन्नों मैं. जैसे लग रहा हैं कोई झाख रहा हो।। आशु के बहके कदमों को एक टक निहार रहा हो।। खुली सी किताब हैं, यह जिंदगी, जिसमें सारे खुशियां, और सारे अल्फाज भरे हो।। बस अल्फाज भरे हो.!! ©Vivek Kumar prajapati शब्दों से शायरी.... #Shayari #follow #poetry #FindingOneself Kavya