Nojoto: Largest Storytelling Platform

आँखों में अश्रु घनेरे दो, हाँ घाव हृदय बहुतेरे दो

आँखों में अश्रु घनेरे दो,
हाँ घाव हृदय बहुतेरे दो |
लो सब बटोर सुख के मोती,
भर दो पीड़ाओं से दामन,
हाँ जाओ चले
 खुशियों के क्षण ||

कवि शिवम् सिंह सिसौदिया हाँ जाओ चले खुशियों के क्षण
आँखों में अश्रु घनेरे दो,
हाँ घाव हृदय बहुतेरे दो |
लो सब बटोर सुख के मोती,
भर दो पीड़ाओं से दामन,
हाँ जाओ चले
 खुशियों के क्षण ||

कवि शिवम् सिंह सिसौदिया हाँ जाओ चले खुशियों के क्षण

हाँ जाओ चले खुशियों के क्षण