तुझे आदत नहीं वफ़ा की क्या तू इसीलिए बदनाम है प्यार में तो नींदें उड़ जाती है बस यही इश्क़ का अंज़ाम है मोहब्बत तो लेती हैं कुर्बानियाँ कहावत यही फैला सरे-आम है जो नहीं देख पाया थारी सच्चाई इसीलिए बेवफ़ाई ही मेरा इनाम है जो लिखूँ मैं दर्द तो लेखनी भी रो दे तू ग़ौर से सुन 'अतुल' मेरा ही नाम है तुझे आदत नहीं वफ़ा की क्या तू इसीलिए बदनाम है #yqquotes #yqhindi