हर बार तुम रुठो मैं मनाऊँ ये ज़रूरी तो नहीं,कभी तू भी मुझे मनाकर तो देख,
हर बार रिश्ता मैं निभाऊँ ये ज़रूरी तो नहीं,कभी तू भी रिश्ता निभा कर तो देख,
अब थक गई हूँ दरार भरते भरते
इसलिए ऐ दोस्त हवा के रुख़ को पढ़ ले,क्यूँकि हवा हर बार पूरब से बहे ये ज़रूरी तो नहीं,
और हर बार आँसू मेरी ऑंख से बहे ये ज़रूरी तो नहीं
#nojotohindi #ruthna #Love