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चांद नहीं है तो क्या रात वही है। बात नहीं अब हमार

चांद नहीं है तो क्या रात वही है।
 बात नहीं अब हमारे बीच ,जज्बात वहीं है।
 और मैं रूठा नहीं, बस खामोश हूं।
 नहीं पता होश में हूं या बेहोश हूं ।
दिल के जज्बात और भी गहरे हो गए।
 तुम थे तो चल पड़े थे ,नहीं हो तो ठहरे रह गए।
 देर रात तक बातें अब होती नहीं,
 और जो आंखें जागती थीं रातों को अब सोती नहीं ।
इन आंखों में तुम बसे थे अब कोई नहीं है।
 रातें तो रोज आती है ये अर्सो से सोई नहीं है।
 और आलम ये  है कि
 मैं घट रहा मुझमें  तुम बढ़ रहे हो।
 यह हिचकियां रुकती नहीं मेरी शायद याद कर रहे हो।।



bhavna pindari #feather
चांद नहीं है तो क्या रात वही है।
 बात नहीं अब हमारे बीच ,जज्बात वहीं है।
 और मैं रूठा नहीं, बस खामोश हूं।
 नहीं पता होश में हूं या बेहोश हूं ।
दिल के जज्बात और भी गहरे हो गए।
 तुम थे तो चल पड़े थे ,नहीं हो तो ठहरे रह गए।
 देर रात तक बातें अब होती नहीं,
 और जो आंखें जागती थीं रातों को अब सोती नहीं ।
इन आंखों में तुम बसे थे अब कोई नहीं है।
 रातें तो रोज आती है ये अर्सो से सोई नहीं है।
 और आलम ये  है कि
 मैं घट रहा मुझमें  तुम बढ़ रहे हो।
 यह हिचकियां रुकती नहीं मेरी शायद याद कर रहे हो।।



bhavna pindari #feather