क़लम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा, गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा, नहीं मुझ पर भी जो खुद की ख़बर वो है ज़माने पर, मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा