काश देख पाता उस दर्द को कोई, जो हसीं के पीछे छुपी रही । सुन पाता उस आवाज को कोई, शहर के शोर सराबों में जो दबी रही । महसूस किसी ने जो किया होता , जज्बातों के उस समंदर को । तो हृदय विदारक दृश्य ना होता, ना देखना पड़ता इस मंजर को । मासूम सी थी चाहत तेरी , कुछ बड़े अनोखे सपने थे । थे बाकी बस कहने भर को , पर कुछ तो तेरे अपने थे । हमारे बिहार की शान थे तुम, हम जैसों की तो जान थे तुम । कहने वाले कुछ भी कह ले, हम तो बस यही हैं मानते । हैं राजपूत तो बहुतेरे, पर तुम सचमुच के योद्धा थे। We will always love you Sushant ❤️❤️ -Supriya Bharati. #Sushant#Loveyouforever