लहरों से टकराना है रेत में घर बनाना है काफिले से अलग चल मुझे कुछ कर दिखाना है बुलंद इरादों के साथ कदम बढ़ाना है बिन कदम बढ़ाये हार मान लिया तो जीवन जीने की हकदार नही क्योंकि मैं मुसाफिर हूँ मुझे भवसागर में लहरों से लड़ना होगा पहुचना है मंजिल तक तो हर परिस्थिति से गुजरना होगा #Sea