ये खिला खिला चेहरा तुम्हारा, जैसे गुलशन का खिला गुलाब । ये तुम्हारे माथे की काली बिंदी , जैसे रात का खिला महताब । ये लहराती , महकती जुल्फ़े , जैसे हो जन्नत की गलियां । ये नाजुक नाजुक लब तुम्हारे , जैसे हो गुलों की पंखुड़िया । ©आराधना . . . . . . . #Writersofinstagram #igpoets #wordporn #writersofindia #micropoetry #aarukibaatein #meri_aapbeeti_ #aabhawrites #aaruswrites #saju #sajal #meriaapbeeti