अंजानो की भीड़ मे, वो दिल के करीब से लगते है.... उनके हस्ते हुए चेहरे, मेरे लिये मरहम का काम करते है.... बिन उनके, मैंने खुद को कभी चाहा तक नहीं.... वो कमीने यार है मेरे, जो मेरे दोस्त को दोस्त और मेरे दुश्मन को खुद का दुश्मन समझते है.... #december # कमीने यार