अपनी नींदें उड़ाना पड़ेगा तुम्हे ख्वाब मेरे सजाना पड़ेगा तुम्हें शर्त इतनी अगर मेरी मंजूर हो सारे नखरे उठाना पड़ेगा तुम्हें अपने सारे गमों को सुनाऊं तुम्हें जख्म कितने हुए हैं दिखाऊं तुम्हें हाथ थामे हुए पास बैठे रहो होके विह्वल गले से लगाऊँ तुम्हें दिल में सहमे हुए मेरे जज़्बात हो लव पे ठहरी हुई अनकही बात हो एक दूजे में ऐसे समा जाए हम दिया बाती सी अपनी मुलाकात हो