Nojoto: Largest Storytelling Platform

मंजिलों पे डालों पर्दे ,सफ़र पे निकल चलो टूटी फूटी

मंजिलों पे डालों पर्दे ,सफ़र पे निकल चलो

टूटी फूटी पगडंडियों पे, गिरो पडो उठे चलो

क्या छूटा,क्या मिला , इसकी परवाह न करो

दुःख मिला या सुख मिला,इसकी चर्चा न करो

समय को व्यर्थ करके, जिंदगी जीते चलों

या जिंदगी को व्यर्थ करके, समय गिनते चलों

ग़लती माफी भूल सब , छोड़ दो अतीत पे

गेरबंदिशो में जीयो, सब लूटा दो प्रीत पे

आख़िर में मृत्यु ,एक प्रश्न बनकर आएगी

जिंदगी तुम्हें ,ज़बाब देकर चली जाएंगी 

                                       ---------अनुराग सक्सेना





 मंजिलों पे ---
मंजिलों पे डालों पर्दे ,सफ़र पे निकल चलो

टूटी फूटी पगडंडियों पे, गिरो पडो उठे चलो

क्या छूटा,क्या मिला , इसकी परवाह न करो

दुःख मिला या सुख मिला,इसकी चर्चा न करो

समय को व्यर्थ करके, जिंदगी जीते चलों

या जिंदगी को व्यर्थ करके, समय गिनते चलों

ग़लती माफी भूल सब , छोड़ दो अतीत पे

गेरबंदिशो में जीयो, सब लूटा दो प्रीत पे

आख़िर में मृत्यु ,एक प्रश्न बनकर आएगी

जिंदगी तुम्हें ,ज़बाब देकर चली जाएंगी 

                                       ---------अनुराग सक्सेना





 मंजिलों पे ---

मंजिलों पे ---