पिंजरे का पंछी हूं उड़ने की तलाश में.... भूल जाऊं बीता सब कुछ एक नए कल की आस में ... आंखों में भय है ... फिर भी उड़ना है आसमान चाहे आंधी हो या तूफान अब करना है ! मुझे यह भवसागर पार..... था कोई मन का , अब सिर्फ यादें ..... पिंजरे का पंछी हूं उड़ने की तलाश में... पिंजरे का पंछी हूं ..