ये दूरियाँ, सारी पसंदीदा चीजों में हक तुम्हारा ही रहा, मुझे एक तुम पसंद थे उसमें भी मेरा हक न रहा। –jivan kohli ©खुले जहां के आजाद मुसाफ़िर #duriyan #हक #Love #Do pal komal sindhe writar ShivendraSinghsonu