सूरज हर शाम को ढल जाता पतझड़ बसंत में बदल जाता है यह मेरे दिल मुसीबत में हिम्मत मत हारना वक्त कैसा भी हो आखिर गुजरी जाता Balveer chandel सूरज श्यामपुर ढल जाता है #DawnSun