कहतें हैं, इसका मोल पहचानों, अगर समझ सको तो जानों। रूकता नहीं किसी के खातिर, तुम रोक सको तो मैं जानूं। गर दे साथ, तो मुकद्दर तेरी, साथ नहीं तो, मर्ज़ी मेरी, ऐसा हीं कुछ कहता हुआ, अक्सर हीं नजर आएगा, वक्त है जनाब, इसका पहिया न रुक पायेगा, साथ गर चलना हो, चलो, गर चल नहीं पाए, फिर तो तू पछताएगा।। ©dashing raaz साथ गर चलना हो, चलो, गर चल नहीं पाए, फिर तो तू पछताएगा।। Support Me Follow Me #Time #wakt #Waqt #poem #Like #Life #follow #Poet #Poetry #Shayari avinash menaria ᴡʜᴏ ᴀᴍ ɪ prashu pandey