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जब-जब पड़ी मुसीबत, हर वो पल साथ थी मेरे मैंने मां

जब-जब पड़ी मुसीबत, हर वो पल साथ थी मेरे
मैंने मां के क़दमों की, कभी आहट नहीं देखी

मुझे पढ़ाना मेरे बाप का जूनून ही था, क्योंकि
मुफलिसी देखी, पर उसकी घबराहट नहीं देखी

आईने के सामने, खड़ा रहता हूं मैं आज कल
इक अरसे से अपनी मैंने, मुस्कुराहट नहीं देखी

सभी का ईमान फिसल जाता है जिसके खातिर
दौलत से ज्यादा किसी में, चिकनाहट नहीं देखी

बहोत पहले किसी ने पेड़ की डालियां थी काटी
तब से, मैंने उन पंछियों की चहचहाहट नहीं देखी

©Karan Kanpuriyaa (इंतेज़ार) " मां "

धूल भी तेरे पैरों की जीत का तिलक बन जाती है
बिन कहे जो हर सवालों को सुलझा जाती है
मां तो होती ही है ऐसी यारों,
जो हर रोज हमारी हर गलतियों को
अपनी ममता से मिटा जाती है
-इंतेज़ार
जब-जब पड़ी मुसीबत, हर वो पल साथ थी मेरे
मैंने मां के क़दमों की, कभी आहट नहीं देखी

मुझे पढ़ाना मेरे बाप का जूनून ही था, क्योंकि
मुफलिसी देखी, पर उसकी घबराहट नहीं देखी

आईने के सामने, खड़ा रहता हूं मैं आज कल
इक अरसे से अपनी मैंने, मुस्कुराहट नहीं देखी

सभी का ईमान फिसल जाता है जिसके खातिर
दौलत से ज्यादा किसी में, चिकनाहट नहीं देखी

बहोत पहले किसी ने पेड़ की डालियां थी काटी
तब से, मैंने उन पंछियों की चहचहाहट नहीं देखी

©Karan Kanpuriyaa (इंतेज़ार) " मां "

धूल भी तेरे पैरों की जीत का तिलक बन जाती है
बिन कहे जो हर सवालों को सुलझा जाती है
मां तो होती ही है ऐसी यारों,
जो हर रोज हमारी हर गलतियों को
अपनी ममता से मिटा जाती है
-इंतेज़ार

" मां " धूल भी तेरे पैरों की जीत का तिलक बन जाती है बिन कहे जो हर सवालों को सुलझा जाती है मां तो होती ही है ऐसी यारों, जो हर रोज हमारी हर गलतियों को अपनी ममता से मिटा जाती है -इंतेज़ार #Mother #father #maa #intezaar #nojotohindi #nojotoLove #motherhood #SuperMom