हर चाहत का मुक्कमल होना, ना ज़रूरी है, सुकून ए हासिल को ये ऐतबार भी ज़रूरी है!! हर बार कुछ पा लेना ही सुकून नही, कभी कुछ न्योछावर भी कर के देख!! हर बार सिर्फ समेटते जाना, ऐसी भी क्या मजबूरी है!! न हो यक़ीन गर मेरी बातों का, तो क़ुदरत को देख, किसी मुस्कान की तू वजह बने, अब इसकी बारी है, तू ऐसा कर ले, लगेगा जैसे सुकून से बरसों की यारी है!! Bhushan...✍️ #leftalone