जुनून को कफ़न की भांति सर पर बांध लिया है, कर हवाओं से बातें,लक्ष्य पाना मन मे ठान लिया है, जब निकल पड़ी हूँ दौड़ में तो अब पीछे नही मुड़ना हैं, पा लूँगी सफलता का सेहरा ऐसा कुछ कर दिखाना हैं, मैं मेरा वजूद ही काफी हैं, नीर सम स्वेद देह से बहाना हैं, कर जाऊँगी नाम इतिहास में दर्ज ऐसा कुछ कर दिखाना है, हौसलों की सीढ़ियाँ बना,आसमान पर क़दम जमाना हैं, मुझसे बेहतर कोई औऱ नहीं, यही तुझे अब बतलाना हैं, 🎀 Challenge-399 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।