हल्की बुंदे ,गरम चाय, पकोडो के साथ आई है। लो इस बरसात मुझे फिरसे धर की याद आई है। कि वो टपकती छत, कागज की नाँव, दीवार की सिड़न के साथ आई है। लो इस बरसात मुझे फिरसे धर की याद आई हैं। #monsoon for middle class... #stay happy #sapnepoetry