ये वही गली-मोहल्ले हैं जनाब! जहाँ हर शाम बच्चे,बड़ो सबकी आवाजें गुंजा करती थी। प्रकृति ने ऐसा कहर बरसाया है की! वो जगह भी शमशान लग रही, जहाँ हर रोज मेले जैसी भीड़ इकठ्ठा रहती थी।। Priya.... #City