अब मैं मौत के सफर को तैयार होना चाहता हूँ ! अब मैं नींद से अपनी, बेदार होना चाहता हूँ!! थक गया हूँ मैं भारी भारी सांसे ढो ढो कर हाँ, अब साँसो के क़र्ज़ से सुबुक बार होना चाहता हूँ!! जिस वफ़ा की चाह मे मैंने सारी ज़िन्दगी गुज़ार दी अब उसी वफ़ा की खातिर बीमार होना चाहता हूँ !! जो दिए हैं दर्द ओ ग़म मैंने तुझे बेवजह बार बार, अब मैं उसी दर्द ओ ग़म से दो चार होना चाहता हूँ !! जला जला कर खुद को मैं पशेमानी की आग मे, इस जिस्म से इस जान से बेज़ार होना चाहता हूँ!! आखिरी ख्वाहिश है मेरी जब जब जन्म लूँ जमीं पे, मैं तेरा आशिक हर जन्म हर बार होना चाहता हूँ!! -बिजेंद्र प्रताप #NojotoQuote