#Quotes For participation in the Context Surendra Kumar Sharma-9314445539 गीत : क्षण भंगुर इस जीवन को, साथी हम चन्दन कर दें | आओ बन जाओ पारस, जग को हम कुन्दन कर दें| खुशियाँ बाँटें अन्जुलि भर, जग को मन भावन पल दें| भागीरथ बनकर जग को, गंगा का पावन जल दें| आओ बन जाओ पावस, जग का अभिनन्दन कर दें| बादल बनकर अम्बर से, अमृत बनकर हम बरसे| हम नीलकंठ बनकर के, जग गरल अधर धर हर्षे| आओ मन का हम कानन, फिर से बिन्दावन कर दें | ©सुरेन्द्र कुमार शर्मा #Quotes For participation in Competition