छोड़ आये है इश्क़ अपना तुम्हारे इर्द गिर्द ही देखना जब तकिये का सिरहाना लो तुम तन्हा रातो में मिलेगा तुमको ज़रूर मेरा इश्क़ तुमसे लिपटा हुआ बिस्तर पे महकता हुआ महसूस तो करना अगर है तुमको भी इश्क़ मुझसे ज़रा