बस इतनी ही खता करता हूँ तेरी मोहब्बत का नशा करता हूँ तू ही लफ़्ज़ों मे उतर आती है कोरे कागज पे लिखा करता हूँ ~ प्रणव पाराशर तू ही लफ़्ज़ों मे उतर आती है....