#OpenPoetry 🙁मन की बात🙁 आखिर किससे कहूँ मैं🤔 आखिर किसको 😮सुनाऊ मैं कोन है पूछने वाला🙋 🤷कि कैसे हो आप| लौट आये फिर से वही खुशी😊 जो समझे आं😭सुओं का मोल| मिट जाए गम 😑और हो न कभी दुखी☹️ कोई न बोले हमसे ऐसे कड़वे बोल|🤦 रुलाते भी हैं 😭हसाते भी हैं😛 कभी कभी हद पार😡 कर जाते भी हैं| पर सबको पता है 🙂 थोड़ा सुन्ना ज्यादा रोना 😭 आदत भी है मेरी| आखिर क्यों 🤔नहीं देखी जाती है खुशी🤗 😭रोती हु मैं हर दिन हर रात| 🍞खाने में लगती है हर चीज़ बुरी आखिर किससे कहूँ मैं🤔 😶अपने मन की बात| 🙂काश लौट आएं मेरे वही प्यारे पापा👨👧 रहूंगी सदा उनके साथ|👨👩👦👦 🖖फिर उनसे ही करूँगी......... 👉हा उनसे ही,............ ☺️अपने मन की बात|| मन की बात